Wednesday, November 14, 2007

अगर कोइ मुझे दूर से देखे तो मुझे नहीं लगता है कि उनको लगे गा कि इतनी बड़ी होकर भी मैं छोटों बच्चों कि तरह दर टी हूँ। काफी चीजों से मुझे दर लगता है, और इस ब्लोग में मैं आपको कुछ चीजों के बारों में बताऊगी। एक चीज जो है जो मुझे बोहुत डरती है हैं डरावनी फिल्में। जब भी कोई भूत या खूनी या मोंस्टर सीन में होता है, तो में झट से अपनी आखें बंद कर लेती हूँ। मुझे पता है कि वोह असली नहीं है, लेकिन मुझे लगता है कि कभी शायद ऐसा कुछ हो भी सकता है। कभी कभी तो सीन बोहुत खराब होतें हैं, जब भी कोई अड़ यां कोई कमर्शियल आती है, तो मैं अपनी आँखें बंद करती हूँ और अपने दोस्तों को बोलती हूँ कि जब एड खतम हो जाये, तो मुझे बतादें। मुझे अँधेरे से भी बोहुत डर लगता है। मुझे लगता है कि कहीं से भी कोई निकल कर मुझे पकड़ सकता है। मुझे अपने अपार्टमेंट में अकेले रहने से भी डर लगता है, मेरी रूम-मेट जब्भी घर नहीं होती, तो में किस्सी को भी अपार्टमेंट में बुलालेती हूँ। जब में अकेले सड़क पर चलती हूँ रात को या घर ड्राइव कर के जा रही होती हूँ तो भी में किस्सी न किस्सी को फोन कर लेती हूँ। मुझे ने पता कि मुझे इतना डर क्यों लगता है, लेकिन ठीख है, सब में कमियां तो होती हैं।

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