Wednesday, October 24, 2007
इअसा शो
इस विश्वद्यालय में कहीं तारा के क्लब और ओर्गानिज़शन्स हैं। इन में से हैं एक जो हिन्दुस्तानी छात्रों को अपने संस्कृति से मिलाता है। में बात कर रहीं हूँ इअसा के बारे में। पिछले साल मैंने पहली बार यह संघटन में हिस्सा लिया। हर साल इअसा दिवाली के आस पास एक कल्तुरल शो पेश करता है। इस शो में हर तरह के भारतीय संगीत और नाच पेश किया जाता है। रास से लेकर भंग्रा, इस विश्विदाल्या के छात्रों को मौका मिलता है अपने मनपसंद गानों पर नाचने का और बोहुत सारे और हिन्दुस्तानी छात्रों से मिलने का। पिछले साल में बंजरण डान्स में थी। मैने पहले काफी सारे डान्स स्टेज पर किये होयें हैं, लेकिन उनमे से ज़्यादातर सिर्फ पुन्जबी गानों पर भंग्र किया हुआ था। तो इस बहाने मैंने बोल्ल्य्वूद के बोहुत मजेदार गानों पर चार हजार लोगों के सामने डान्स किया। शो कि तयारी में कम से कम दो तीन महीने तो लग ही जाते हैं, तो तब तक अबनी ग्रुप के और छात्रों से अची दोस्ती भी हो जाती है। हमारा डान्स पिछले साल काफी अच्छा था, और दूसरे दंन्स के छात्रों को भी ये पता था, इसी लिए काफी बाचों को इस साल बंजरण डान्स मी हिस्सा लेना था। इस साल में और मेरी एक सहेली बंजरण डान्स चोरेओग्रफ कर रहे हैं। शो अगले हफ्ते है, और जोरों से प्रक्टिस हो रही है। रोज़ कम से कम तीन चार घंटे प्रक्टिस होती है। इस साल डान्स में मेरा भाई, मेरी रूम्माते, और मेरी अची सहेली भी है। डान्स मुझे बोहुत अच्छा लगता है तो इसी लिए मुझे बोहुत जोश आता है। अगले हफ्ते मेरे सारे रिश्तादर और दोस्त आ रहें है मेरा डान्स देखना। आशा करती हूँ के सब तीख ताख जाये....
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3 comments:
यदि विडियो होता तो हम लोग भी उसका मजा ले सकते होते। इस साल के प्रोग्राम का विडियो बना कर डालियेगा।
neha, tum bahuth acchi hindi likthe ho
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