इस हफ्ते सोमवार को करवा चौथ था. मेरी मम्मी ने पूरा दिन न कुछ
पिया, न कुछ खाया जब तक चाँद नहीं निकला. यह त्यौहार साल में
एक ही बरी आता है, और उस दिन हर पत्नी अपने पति कि लंबी उमर के
लिए यह व्रत रखतीं हैं. इस व्रत के पीछे एक कहानी का हाथ है.
कहते हैं के बोहुत पहले एक रजा और रानी रहते थे. रानी के तीन
भाई थे, तो उसके पहले करवा चौथ पर, उसने व्रत रखा. वोह
पूरा दिन सूई धागे से काम करती रहती है (जो कि नहीं करना होता
है) जब उससे चंद नहीं दिखा, तो उसने अपने भाइयों को भेजा चंद
देखने के लिए. उसके भाइयों को खूब भूक लगी थी, तो उन्होनें
झूट बोलकर अपनी बहिन (यानी रानी) को खाना खिला दिया. जब वोह घर
लॉट टी है तो उसे पता चलता है कि उसके पति को बोहुत साड़ी
सूयें चुबी हूएं हैं. तो इस्सी लिए करवा चौथ पर बोहुत ध्यान
रखना पड़ता है ताकि ऐसा वैसा कुछ न हो.
Wednesday, October 31, 2007
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