Wednesday, October 3, 2007

भारत कि फिएल्ड हॉकी टीम

पिछले हफ्ते भारत क्रिकेट का २०-२० वर्ल्ड कप जीत के आयी. दक्षिण अफ्रीका, इंग्लैंड, आस्ट्रेलिया और पाकिस्तान को हरा कर पहली बार भारत यह वर्ल्ड कप जीता. वापिस आकर पूरी टीम को बोहत समान मिला. उसी हफ्ते भारत कि फील्ड होकी तें पहली बारी असिया कप जीत कर आयी. क्रिकेतेर्स गो दीया गया समान देख कर, हॉकी तीम को बोहत बुरा लगा. वोह भी तो भारत के लिए जीत कर आये थे? तो फिर उनको इतना समान क्यों नहीं दिया गया? हर क्रिकेटर को पांच लाख रूपए मिले और हर होक्क्य प्लेयर को कुछ भी नहीं. यह सब देख कर हॉकी टीम ने स्ट्राइक कि. टीम के चार प्लेयर और उनका एक कोच हुन्गेर स्ट्राइक पर गये क्यूंकि उनको लगता है कि सब भार्तिये खिलाड़ियों को समान मिलना चाहिय ना कि सिर्फ क्रिकेतेर्स को. भारत का नेशनल खेल फिएल्ड हॉकी है तो फिर जब भारत कि टीम जीत कर आयी उनको इस जीत के लिए पहचाना क्यों नि गया. कहीं लोग कहते हैं कि हमारी सारकर में बोहत कोर्रुप्शन है और इसी लिए उनको उनकी जीत के लिए पहचाना नहीं गया. इस स्ट्राइक से शायद हमारी सर्कार और भारत के लोगों को थोड़ी अकाल अजये. सब खिलाड़ियों को पहचान और समान दिया जाना चैहेय आख़िर में वोह हमारे ही देश को रेप्रेसेंत करते हैं।

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